जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सहारा इंडिया पिछले 12 सालों से सभी निवेशकों का पैसा लौट आने में असमर्थ साबित हो रहा है आपके जानकारी के लिए मैं आ बता तू भी सहारा इंडिया भारत के लगभग बहुत बड़ा कंपनियों में से एक है सहारा इंडिया की 4 सोसाइटी में 10 करोड़ निवेशकों के हजारों करोड़ रूपया बरसों से अटके हैं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिसंबर से पहले तक सारे पैसे लौटाने का आदेश जारी कर दिया गया है जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर मंत्रालय पैसे वापस की प्रक्रिया पूरी करने में जुटी है प्रयास है कि 4 से 5 महीने में सारे पैसे निवेश को तक लौटा दिया जाएगा
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आपकी जानकारी के लिए मैं यह बता दूं कि मंत्रालय की पारिवारक कब आया था के मुताबिक निवेशकों को चेक के माध्यम से पैसा लौटाया जाएगा वापसी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी वास्तविक निर्देशों की को उचित पहचान और सुरक्षा प्रस्तुत करने के बाद ही भुगतान किया जाएगा निवेश को फीस जमा राशि और उनके दावों के मिलान के बाद ही उसे बैंक खातों में जमा किया जाएगा
सहारा इंडिया जिस 4 सहकारी समितियों में निवेश किया गया था उनमें सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव सहारा एनिवर्सरी मल्टी हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव और स्टार्ट मल्टीपल शामिल है सबसे अधिक पैसा सहारा क्रेडिट कोआपरेटिव में निवेश किया गया था केंद्र रजिस्टर कार्यालय के पास जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सोसाइटी ओ में निवेशकों का 86000 673 करोड़ रुपया निवेश किया गया था।
सहारा सेबी के रिफंड खाते में अभी निवेशकों के 24000 किलो रुपया से ज्यादा जमा है केंद्र सरकार की पहली बार सुप्रीम कोर्ट में इनमें सेव 5000 करोड़ रूपया को केंद्र रजिस्टर के खाते में ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है वैद्य निवेशकों को उसकी पहचान और जामा के उचित प्रमाण के आधार पर ही बैंक खातों के माध्यम से निवेशकों का पैसा भुगतान किया जाएगा चार सोसाइटी में हुआ निवेश को बहुत ही जल्द पैसा मिलने जा रहा है।
सहारा के सोसाइटी ओ में निवेश करने वाले चार अधिकतम उत्तर प्रदेश उत्तराखंड बिहार झारखंड हरियाणा पंजाब तथा मध्य प्रदेश समेत कई राज इनमें पैसा वापसी को लेकर राज्यों में लगातार आंदोलन चल रहा है पैसा जमा करने वाले अधिकतर लोग गरीब गुरवे और माध्यमिक वर्ग या निम्न आय वर्ग के हैं जिसके लिए यह सुकून वाली बात है क्योंकि उन्हें बकाया पैसा जमा समेत मिलने को लेकर भुगतान से पहले निवेशक दावत को सत्यापन जरूरी होगा